लकड़ीढाई मारवाड़ी हाईस्कूल का इलाका शुक्रवार की रात गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा गया। गोलियों की आवाज सुनने के बाद लोगों में दहशत फैल गई। स्थानीय लोग अपने घर से निकलने की हिम्मत नहीं जुटा सके।
वारदात को अंजाम देकर बदमाशों के भागने के बाद लोगों की भीड़ मौके पर जुटी। गोलीबारी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं। घटनास्थल पर खून से लथपथ पांच लोगों को देख लोग घबरा गए। कई जगहों पर खून गिरा था। घटना के दौरान बदमाशों ने करीब 30 राउंड फायरिंग की। इससे घर से लेकर सड़क तक खोखा पड़े मिले। इन्हें पुलिस ने जब्त किए हैं।
सवाल यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी गश्ती में तैनात नगर थाने व सिकंदरपुर ओपी की पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। लोगों के सूचना देने के बाद भी वह काफी देर से पहुंची। इससे लोगों में आक्रोश भी था।
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जिस समय गोलीबारी हो रही थी पड़ोस के कई लोग घर की खिड़की से घटना को देखकर नगर थाने की पुलिस के साथ डायल 112 की टीम को इसकी सूचना दी।
स्थानीय लोगों का कहना था कि पुलिस द्वारा मोबाइल पर कई तरह के सवाल पूछे गए। सूचना के करीब 45 मिनट के बाद पुलिस पहुुंची। इससे लोगों में आक्रोश था। महिला का कहना था कि अगर पुलिस समय से पहुंच जाती तो शायद बदमाश पकड़ जाते और घायलों की जान भी बच जाती।
लकड़ीढ़ाई इलाके में शुक्रवार की रात जिस जगह पर प्रोपर्टी डीलर आशुतोष शाही की हत्या हुई, इसी जगह से सटे पचास कदम की दूरी पर करीब पांच साल पूर्व 23 सितंबर 2018 की शाम पूर्व मेयर समीर कुमार को भी एके 47 से भून दिया गया था। इसमें पूर्व मेयर की मौके पर ही मौत हो गई थी। बाइक सवार बदमाशों ने कार से घर लौट रहे पूर्व मेयर समीर व उनके चालक पर एके 47 से गोलियां बरसाई गई थी।
सबसे बड़ी चर्चा आशुतोष की हत्या करने वाले चार बदमाशों में से एक के बयान ने शुरू कर दी। हत्या के बाद बदमाश ने कहा, धोखा देने का यही होता है अंजाम…। इससे सुनने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, आशुतोष शाही ने जिन्हें धोखा दिया होगा उनमें से ही किसी ने इस घटना हो अंजाम दिलाया।
हाल के दिनों में कल्याणी स्थित मछली बाजार पर कब्जे को लेकर विवाद हुआ था। इस पर अंतत: आशुतोष शाही ने एक जनप्रतिनिधि की मदद से कब्जा कर लिया। आशुतोष के लिए अकेले इसपर कब्जा कर पाना संभव नहीं लग रहा था।
हत्या के पीछे इसकी भी आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा कुख्यात मंटू शर्मा से भी आशुतोष की अदावत थी। पिछले वर्ष मंटू शर्मा ने आशुतोष शाही के गुट के विजेंद्र उफ विक्कू को मोबाइल पर धमकी दी थी। इसमें एक जमीन के सौदे में धोखे को लेकर 50 लाख की रुपये की मांग की गई थी।
विक्कू ने इसकी प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मुंबई में मंटू शर्मा को गिरफ्तार किया था। बाद में मंटू शर्मा को जमानत मिल गई।आशुतोष शाही ने तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत को आवेदन देकर मंटू शर्मा पर हत्या की साजिश रचने की आशंका जताई थी। इसके बाद आशुतोष शाही को बाडीगार्ड उपलब्ध कराया था, जिसे बाद में हटा लिया गया था। अब किस धोखे की सजा दी गई, यह जांच के बाद ही सामने आएगा।